नई दिल्ली। केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में आठवीं वेतन आयोग के लिए संदर्भ शर्तों को मंजूरी दे दी है। यह आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा और इसमें वेतन, पेंशन और भत्तों में संशोधन होगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि फिटमेंट फैक्टर 2.46 तक जा सकता है, जिससे बेसिक सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी होगी। कुल मिलाकर टेक होम सैलरी में 54 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। यह बदलाव निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होगा।
आयोग की मंजूरी और लागू होने की तारीख
आठवीं वेतन आयोग की चेयरपर्सन जस्टिस रंजना देसाई होंगी। वे मंत्रालयों, यूनियनों और विशेषज्ञों से सलाह लेंगी। कैबिनेट ने 28 अक्टूबर 2025 को इसकी टर्म्स ऑफ रेफरेंस को हरी झंडी दिखाई। आयोग अपनी सिफारिशें 2026 के मध्य तक दे सकता है। पुरानी सातवीं वेतन आयोग की तरह यह भी 10 साल बाद आया है। कर्मचारियों को 2026 से पहले कोई एरियर्स नहीं मिलेंगे। यह फैसला आर्थिक विकास के बीच आया है जब त्योहारों पर खर्च 8.5 फीसदी बढ़ा है।
फिटमेंट फैक्टर का मतलब और अनुमान
फिटमेंट फैक्टर वही चीज है जो पुरानी बेसिक पे को नई सैलरी में बदलने का काम करता है। कोटक और एम्बिट कैपिटल जैसे ब्रोकरेज ने इसका अनुमान 1.8 से 2.46 के बीच लगाया है। अगर 2.46 का फैक्टर लगा तो बेसिक पे में बड़ा उछाल आएगा। लेकिन असली बढ़ोतरी तब होगी जब डीए को जीरो रीसेट किया जाएगा। वर्तमान में डीए 58 फीसदी है, इसलिए टोटल एमोल्यूमेंट्स पर 54 फीसदी का असर पड़ेगा। नीचे तालिका में अलग-अलग फैक्टर पर बढ़ोतरी दिखाई गई है।
| फिटमेंट फैक्टर | बेसिक पे बढ़ोतरी (प्रतिशत) | प्रभावी सैलरी हाइक |
|---|---|---|
| 1.8 | 80 | 14 |
| 2.15 | 115 | 34 |
| 2.46 | 146 | 54 |
यह अनुमान लेवल 1 के लिए है जहां मौजूदा बेसिक 18,000 रुपये है।
लेवल 1 कर्मचारियों के लिए सैलरी में बदलाव
लेवल 1 के कर्मचारी जैसे चपरासी, अटेंडेंट और सपोर्ट स्टाफ सबसे निचले पायदान पर हैं। इनकी मौजूदा बेसिक पे 18,000 रुपये है। 2.46 फैक्टर से यह 44,280 रुपये हो जाएगी। वर्तमान में डीए जोड़कर टोटल करीब 28,000 रुपये बनता है। नई सैलरी में डीए जीरो होने से भी 54 फीसदी का फायदा मिलेगा। एचआरए और अन्य भत्ते भी बेसिक के साथ बढ़ेंगे। नीचे तालिका में मौजूदा और नई सैलरी का उदाहरण है।
| मद | मौजूदा (रुपये) | नया (2.46 फैक्टर, रुपये) |
|---|---|---|
| बेसिक पे | 18,000 | 44,280 |
| डीए | 10,440 | 0 |
| टोटल एमोल्यूमेंट्स | 28,440 | 44,280 |
| बढ़ोतरी | – | 15,840 (54%) |
यह बदलाव इनकी जिंदगी आसान बनाएगा।
पेंशन और अन्य लाभों पर असर
पेंशनभोगियों को भी बेसिक पे के साथ पेंशन बढ़ेगी। सातवीं आयोग की तरह यहां भी ग्रेच्युटी और बोनस में संशोधन होगा। विशेषज्ञ कहते हैं कि कुल मिलाकर 30 से 34 फीसदी का औसत हाइक होगा। लेकिन ऊपरी सीमा पर 54 फीसदी तक जा सकता है। यूनियनों ने इसका स्वागत किया है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि आयोग महंगाई को ध्यान में रखेगा। इससे रिटायर्ड लोगों की खरीदारी की ताकत मजबूत होगी।
सरकार का मकसद और आर्थिक प्रभाव
सरकार का लक्ष्य है कि कर्मचारियों की सैलरी महंगाई के साथ चले। यह आयोग अर्थव्यवस्था को बूस्ट देगा क्योंकि ज्यादा सैलरी से खर्च बढ़ेगा। हाल के जीएसटी कट और रिटेल बूम के बीच यह सही समय है। लेवल 1 जैसे निचले कर्मचारियों पर फोकस से सामाजिक न्याय भी होगा। कुल बजट पर असर पड़ेगा लेकिन विकास से बैलेंस हो जाएगा।
विशेषज्ञों की राय और आगे की उम्मीदें
विशेषज्ञ बता रहे हैं कि 2.46 फैक्टर संभव है अगर इन्फ्लेशन कंट्रोल में रहा। एक एनालिस्ट ने कहा कि यह निचले तबके के लिए वरदान है। यूनियन लीडरों का कहना है कि जल्दी सिफारिशें आएं। भविष्य में डिजिटल भत्ते भी जुड़ सकते हैं। कुल मिलाकर यह अपडेट लाखों परिवारों को राहत देगा। आयोग की रिपोर्ट पर सबकी नजर है।